7/13/2023

अनुस्मारक का क्या अर्थ हैं? विशेषताएं

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अनुस्मारक का क्या अर्थ हैं? 

अनुस्मारक को अंग्रेजी में 'Reminder', रिमाइंडर कहते हैं। अनुस्मारक पत्र उस स्थिति में लिखा जाता है, जब किसी पत्र का उत्तर पन्द्रह दिनों के भीतर प्राप्त नहीं होता है, तब पत्रोत्तर के लिये पत्र का संदर्भ देते हुए अनुस्मारक लिखा जाता है। 

स्मरण कराने हेतु भेजे गए पत्र को अनुस्मारक कहते। इनका बहुत महत्व हैं। कार्यालयों की कार्यप्रणाली काफी धीमी होती है। इसमें उच्च कार्यालयों द्वारा अधीनस्थ कार्यालयों को अनेक विषयों पर पत्र लिखे जाते है, जानकारियाँ मांगी जाती हैं, कुछ निर्देशों का पालन करने की अपेक्षा होती है पर कभी-कभी भूल से अथवा किसी कारणवश अधीनस्थ पालन करने की अपेक्षा होती है पर कभी-कभी भूल से अथवा किसी कारणवश अधीनस्थ कार्यालय द्वारा उच्च कार्यालय के पत्र पर कार्यवाही नहीं होती तब कार्यवाही हेतु उच्च कार्यालय, अधीनस्थ कार्यालय को स्मरण कराने के लिए स्मरण पत्र लिखता है इसे अनुस्मारक कहते हैं। 

अनुस्मारक की विशेषताएं 

अनुस्मारक की निम्नलिखित विशेषताएं हैं--

1. मूल पत्र के अनुसार ही अनुस्मारक का भी स्वरूप होता है।

2. इसमें मूलपत्र के क्रमांक और दिनांक का संदर्भ में स्पष्ट उल्लेख होता हैं। 

3. पिछले पत्र का महत्व बढ़ गया हो तो अनुस्मारक अर्द्ध शासकीय रूप में भी भेज सकते हैं। 

4. इसमें पिछले पत्र के उत्तर न मिलने पर खेद प्रकट किया जाता हैं। 

5. अनुस्मारक का मूल उद्देश्य उस कार्य की स्मृति कराना है जिसके संबंध में उसे भेजा गया है। 

6. एक डेढ़ माह प्रतीक्षा के बाद ही अनुस्मारक भेजना चाहिए। यदि इस पर भी जवाब न मिले तो दूसरा, तीसरा अनुस्मारक भेजना चाहिए।

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