6/22/2022

भौतिक विज्ञान का महत्व

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भौतिक विज्ञान का महत्व (bhautik vigyan ka mahatva)

मानव जीवन में भौतिक विज्ञान की महत्ता को हम बिन्दुओं में विभाजित कर सकते हैं-- 

1. विश्व-बन्धुत्व भावना का विकास 

संचार तथा परिवहन के क्षेत्र में हुए क्रान्तिकारी आविष्कारों; जैसे-- रेल, वायुयान, रेडियों, टेलीविजन, दूरभाष आदि के कारण आज दुनिया सिमटकर एक बड़े परिवार के रूप में रह गई है। आपसी संपर्क तथा आदान-प्रदान सुलभ होने से सभी देशों की सभ्यता, रहन-सहन और सोचने-विचारने के तरीकों में बहुत परिवर्तन हुआ है। इस प्रकार भौतिक विज्ञान ने अन्तर्राष्ट्रीय एवं विश्व-बन्धुत्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी हैं। 

2. शक्ति के साधनों का विकास 

मानव का अस्तित्व तथा विकास शक्ति के साधनों पर निर्भर है। विद्युत शक्ति की जननी कही जा सकती है। कोक तथा पेट्रोलियम शक्ति के लिए महत्वपूर्ण ईंधन है। जल स्त्रोतों से विद्युत प्राप्त करने की योजनाएँ बनायी जा रही है। लेकिन इन प्राकृतिक साधनों के खत्म होने की आशंका हैं, अतः अक्षय स्त्रोत, सौर ऊर्जा का उपयोग भी हो रहा है। यह विज्ञान के द्वारा ही संभव हुआ है।

3. अन्तरिक्ष का ज्ञान 

भौतिक विज्ञान ने मानव को अन्तरिक्ष में प्रवेश कर सौर मण्डल की जानकारी दी है। चन्द्र तल पर मानव का पहुंचना इस युग की सबसे चमत्कारी घटना है। इस ज्ञान का तात्कालिक लाभ भले ही दृष्टिगोचर नही हो लेकिन अन्तग्रहीय संबंधों की यह महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा कृत्रिम उपग्रहों द्वारा मौसम विज्ञान की उन्नति, भू-सम्पदा की सही खोज, दूरदर्शन संचार के सफल प्रयोगों ने भावी विकास की विशाल सम्भावनाओं का अवश्य ही उपचार किया हैं। 

4. चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति 

मनुष्य के स्वास्थ्य को बनाये रखने हेतु लगातार खोजे ही रही हैं। नित्य नये-नये वैज्ञानिक यंत्रों तथा उपकरणों का आविष्कार हो रहा है, जो रोगों का सही निदान एवं प्रभावशाली इलाज करने में सफल हो रहे है। कई घातक बीमारियाँ नियन्त्रित की जा चुकी है। इस तरह मानवता के कष्टों का निवारण करते हुए मनुष्य के दीर्घजीवी बनाने का काम भौतिक विज्ञान कर रहा हैं।

5. औद्योगिक विकास में तीव्रता 

वर्तमान युग कल-कारखानों का युग है जहाँ वैज्ञानिक यंत्रों की मदद से जीवनोपयोगी वस्तुओं का उत्पादन विशाल पैमाने पर हो रहा है। बढ़ती हुई जनसंख्या की माँगों की पूर्ति मात्र मानव-श्रम से संभव नहीं रह गई है। यह भौतिक विज्ञान की ही देन है कि विशाल पैमाने पर तीव्र गति से उत्पादन कर सामान्य स्तर के व्यक्तियों हेतु भी आज वस्तुएँ सुलभ हो सकी हैं। 

6. कृषि उत्पादन में वृद्धि

मनुष्य भोजन के बगैर जीवित नही रह सकता। जमीन का क्षेत्रफल सीमित है, लेकिन खाने वाले लोग प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। इस समस्या का हल उत्पादन की दर में क्रमशः वृद्धि करके ही किया जा सकता है। भौतिक विज्ञान ने नये-नये कृषि उपकरणों तथा नई पद्धतियों द्वारा उत्पादन में कई गुना वृद्धि की है। इसी की मदद से मनुष्य के लिए भोजन जुटा पाना संभव हो रहा है। 

7. अवकाश में वृद्धि 

भौतिक विज्ञान ने मनुष्य को हाथ के श्रम से मुक्ति दी है। पहले मनुष्य दिन भर अपने पेट की ज्वाला शान्त करने में ही व्यक्त रहता था, लेकिन अब उसके पास बहुत अवकाश हैं। इसका उपयोग वह अन्य वैज्ञानिक रूचियों, कला तथा साहित्य के विकास में कर सकता हैं।

8. नैतिक मूल्यों में वृद्धि 

ज्यों-ज्यों भौतिक विज्ञान की प्रगति हो रही है, मनुष्य प्रकृति के गूढ़तम रहस्यों को उजागर करता जा रहा है। प्रकृति में व्याप्त अद्भुत व्यवस्था तथा नियमितता की जानकारी ज्यों-ज्यों बढ़ रही हैं, मानव मस्तिष्क आश्चर्य चकित हो रहा है। यह अनुमान लगाना अब ज्यादा न्याय संगत लग रहा है कि यह सब बगैर किसी संचालन के संभव नहीं है। यह कहना कि भौतिक विज्ञान मानव को नास्तिक बनाता है, भ्रामक है। इसके विपरीत भौतिक विज्ञान ने प्रकृति तथा परमेश्वर के प्रति आस्था में वृद्धि की हैं। 

9. अनुशासनात्मक मूल्य 

भौतिक विज्ञान ने मनुष्य के दृष्टिकोण को निश्चित कर उसके विचारों को क्रमबद्धता प्रदान की है। यह सिर्फ वैज्ञानिक तथ्यों को ही नहीं बदलता ब्लकि यह वैज्ञानिक भावना तथा वैज्ञानिक अनुशासन को जन्म देता हैं। 

10. नागरिकता का मूल्‍य 

भौतिक विज्ञान ने नागरिकों में अन्ध-विश्वास को दूर कर वृहत दृष्टिकोण अपनाने में मदद प्रदान की है। इसके अतिरिक्त प्रजातंत्र में सुयोग्य नागरिकों का निर्माण कर राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय समस्याओं को सुलझाने की योग्यता भी भौतिक विज्ञान ही प्रदान करता हैं। 

11. सांस्कृतिक महत्व 

भौतिक विज्ञान ने हमारे जीवन-दर्शन को प्रभावित करके उसे नवीन दिशा प्रदान की है। आज एक सुसंस्कृत व्यक्ति से सामान्य घटनाओं में निहित वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी तथा उसका वैज्ञानिक विश्लेषण करने की क्षमता अपेक्षित है। व्यक्ति का रहन-सहन भौतिक विज्ञान से प्रभावित है। इसी की मदद से उसका जीवन सुविधाजनक, सफल तथा सुसंस्कृत भी कहा जाता हैं। 

12. प्रदुषण तथा दुरूपयोग के खतरे 

एक तरफ जहाँ भौतिक विज्ञान ने मनुष्य की सुख-सुविधाओं तथा मनोरंजन के साधनों में वृद्धि की है, वहीं आये दिन होने वाली घटनाओं, कल-कारखानों की गंदगी से होने वाले प्रदूषण एवं देशों के बीच आपसी मन-मुटाव ने विश्व-युद्ध के खतरों को भी जन्म दिया है। भयंकर विनाशकारी अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण हो चुका है, इनसे पल भर में संपूर्ण मानव जाति का संहार हो सकता हैं। इस प्रकार भौतिक विज्ञान ने जहाँ भौतिक सुख-समृद्धि दी हैं, वहीं विश्व को विनाश के कगार पर ला खड़ा किया हैं।

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