अनुमानिक सांख्यिकी एवं विवरणात्मक सांख्यिकी की तुलना
सांख्यिकी विषय की विभिन्न रीतियों जिन्हें सांख्यिकीय रीतियां कहा जाता है, को सांख्यिकीय विश्लेषण के लिए कार्य-विधि के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जाता है--
1.विवरणात्मक सांख्यिकी
इसमें समंकों के विधियक वर्गीकरण, सारणीयन, विभिन्न सांख्यिकीय माध्य आदि का अध्ययन हम करते हैं। इसके जरिये जो तथ्य संख्या में प्रकट किये जाते हैं, उनकी मौलिक विशेषताओं का प्रदर्शन किया जाता है। हम यह भी कह सकते हैं कि विवरणात्मक सांख्यिकी में समंकों का संग्रहण, संगठन, संक्षिप्तीकरण, विश्लेषण, निर्वचन, प्रस्तुतीकरण आदि सांख्यिकी रीतियां आती है।
2. अनुमानिक सांख्यिकी
अनुमानिक सांख्यिकी या निष्कर्षात्मक सांख्यिकी के अंतर्गत किसी छोटे समूह का अध्ययन करके प्रायिकता सिद्धांत पर आधारित अनुमान, पूर्वानुमान, परिकल्पना परीक्षण आदि की मदद से एक बड़े समूह के बारे में उचित निष्कर्ष निकाले जाते हैं।
विवरणात्मक सांख्यिकी एवं अनुमानिक सांख्यिकी में विशेष अंतर यह है कि विवरणात्मक सांख्यिकी के परिणाम स्वयं उसके अपने लिए ही होते हैं जबकि निष्कर्षात्मक सांख्यिकी में विवरणात्मक सांख्यिकी में प्राप्त परिणामों का व्यापकीकरण किया जाता है। उदाहरणार्थ, अगर किसी महाविद्यालय के छात्रों की औसत आयु ज्ञान करने हेतु कुछ छात्रों का चयन करके उनकी आयु का औसत निकाला जाता है तो इन कुछ छात्रों की औसत आयु को ही महाविद्यालय के कुछ छात्रों की औसत आयु मान लिया जाता है। इस तरह न्यादर्श के औसत से समग्र औसत अनुमानित करना अनुमानिक सांख्यिकी के अंतर्गत आता है।
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