एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता क्या है
ekadhikaratmak pritiyogita ak arth visheshta;लेप्ट विच के अनुसार," एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता बाजार की वह दशा है जिसमे वस्तु विशेष के अनेक विक्रेता पाये जाते है किन्तु प्रत्येक विक्रेता की वस्तु उपभोक्ता के मस्तिष्क मे दूसरे विक्रेताओं की वस्तु से पृथक होती है।
इस प्रकार एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता बाजार मे एकाधिकार एवं प्रतियोगिता दोनों का अंश पाया जाता है। यह प्रतियोगिता किसी वस्तु के रंग, रूप, मात्रा, उपहार आदि मे भिन्नता उत्पन्न करके की जाती है। इस प्रतियोगिता मे समूह की प्रतियोगी फर्में प्रचार, विज्ञापन एवं विक्रय कला मे अंतर का सहारा लेती है जिनके द्वारा वे अपने उत्पादन को अपेक्षाकृत श्रेष्ठ मानती है।
एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता की विशेषताएं (ekadhikaratmak pritiyogita ki visheshta)
एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता की निम्म विशेषताएं है--
1. वस्तु भिन्नता या वस्तु विभेद
वस्तु विभेद मे वस्तु विशेष की सभी इकाइयां एक समान नही होती है। सभी निर्माताओं द्वारा निर्मित वस्तुएं एक दूसरे की स्थानापन्न होती है, परन्तु एक-सी नही होती है। प्रत्येक निर्माता यह प्रयास करता है कि उसके द्वारा निर्मित वस्तु अन्य निर्माताओं की वस्तु से अलग हो। ये विभिन्न वस्तुएं वास्तव मे एक वस्तु के ही अलग-अलग स्वरूप है, किन्तु पूर्ण प्रतियोगिता की तरह ये वस्तुएं एक जैसी नही होती। इससे यह स्पष्ट है कि निर्माताओं मे प्रतियोगिता होती है और एक निर्माता की मूल्य एवं उत्पादन संबंधी नीति दूसरे निर्माता की नीति को प्रभावित करती है।
2. बिना रोक-टोक के कार्य करने वाले फर्मों की संख्या
पूर्ण प्रतियोगिता मे निर्माताओं की संख्या बहुत अधिक होती है, इसके विपरीत एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता मे निर्माताओं की संख्या कम होती है। साथ ही प्रत्येक निर्माता कुल उत्पादन का बहुत थोड़ा अंश ही पैदा करता है। इसके अतिरिक्त इन विभिन्न निर्माताओं के बीच प्रतियोगिता होती है तथा ये गुप्त करार या समझौता न करके स्वतंत्र रूप से कार्य करते है।
इससे स्पष्ट कि वस्तु विभेद एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता का मूल आधार है। संक्षेप मे, एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता की विशेषताएं इस प्रकार है--
1. फर्मों की सामान्यता अधिक संख्या होती है।
2. समस्त फर्में सादृष्य, किन्तु अस्थानापन्न वस्तुएं बेचती है।
3. फर्म को उद्योग मे प्रवेश की स्वतंत्रता रहती है।
4. फर्मों का अपने उत्पादन पर एकाधिकार होता है।
5. वस्तु विभेद पाया जाता है।
6. फर्मों द्वारा उत्पादित समान वस्तुओं मे प्रतियोगिता पाई जाती है।
7. क्रेता विभिन्न विक्रेताओं द्वारा उत्पन्न की गई वस्तुओं मे से एक ही वस्तु को अधिक पसंद करता है।
8. गैर-मूल्त प्रतियोगिता विद्यमान होती है।
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जवाब देंहटाएंThanks for sharing your thoughts,
हटाएंBahut acha se likhe hue hai aap pdh kr hi samajh me aa jata hai tq
जवाब देंहटाएंIske antargat firm ka mang AVN purti vakra ki vakya kijiye
जवाब देंहटाएंEk adhikrit pratiyogita se aap kya samajhte hain iske antargat karm ka mang AVN purti vakra ki vyakhya
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