4/09/2022

लागत पत्र का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, लाभ

By:   Last Updated: in: ,

लागत पत्र का अर्थ एवं परिभाषा

लागत पत्र से आशय ऐसे विवरण से है, जिसमें उत्‍पादित वस्‍तु पर किये गये व्‍ययों का उप-विभाजन इस प्रकार किया जाता है कि उत्‍पादन की कुल लागत तथा प्रति इकाई लागत सरलता से ज्ञात की जा सकें। 

श्री बी.के.अग्रवाल के अनुसार, ‘‘लागत-पत्र एक ऐसी सूची है जो निश्चित अ‍वधि की कुल लागत और प्रति इकाई लागत को विश्‍लेषणात्‍मक ढंग से प्रस्‍तुत करना है।‘‘

जे.आर.बॉटलीबॉय के अनुसार, ‘‘लागत-पत्र एक तालिकाबद्ध वि‍वरण है, जो सामान्‍यतः एक निश्चित अवधि में किये गये कुल उत्‍पादन की विस्‍तृत लागत को प्रदर्शित करने हेतु तैयार किया जाता है। यह दोहरा-लेखा लागत प्रणाली का अंग नहीं होता है। इसमें सामान्‍यतः अतिरिक्‍त स्‍तम्‍भ भी बना दिये जाते है, ताकि किसी पिछले समय के उत्‍पादन लागत के विवरणों से वर्तमान उत्‍पादल के लागत विवरणों की तुलना की जा सके। "

हेराल्‍ड जे. व्‍हेल्‍डन के अनुसार, ‘‘लागत-पत्र प्रबंधकों के प्रयोग के लिये तैयार किये जाते हैं, इसलियें इनमें उन सभी आवश्‍यक विवरणों को सम्मिलित किया जाना चाहिएयें, जो कि उत्‍पादन की कार्यक्षमता जांचने में प्रबंध की सहायता करते है।‘‘

ऊपर दिये गयी परिभाषा के आधार पर कहा जा सकता है कि लागत-विवरण एक ऐसी सूची है जिसमें अवधि विशेष से सम्‍बन्धित उत्‍पादित इकाई की लागत के तत्त्वों को वर्गीकृत एवं विश्‍लेषित करके प्रस्‍तुत किया जाता है। कभी-कभी तुलनात्‍मक अध्‍ययन हेतु पिछले ऑकड़े भी दिये जाते है। 

लागत-पत्र की विशेषताएं (lagat patra ki visheshta)

लागत-पत्र की निम्‍नलिखित विशेषताएं है--

1. लागत-पत्र, कुल लागत तथा प्रति इकाई लागत प्रस्‍तुत करता है। 

2. यह निश्चित अवधि के उत्‍पादन की लागत दर्शाता है, जैसे- साप्‍ताहिक, मासिक, त्रै-मासिक, अर्द्ध-वार्षिक आदि। 

3. यह लागत के प्रत्‍येक चरण को स्‍पष्‍ट करता है, जैस- मूल लागत, कारखाना लागत, कार्यालय लागत आदि। 

4. यह विभिन्‍न लागतों का कुल लागत से सम्‍बन्‍ध तथा उस पर उनका प्रतिशत एवं अनुपात प्रदर्शित करता है। 

5. यह विभिन्‍न वर्षो की लागत का तुलनात्‍मक विवरण प्रस्‍तुत करता है। 

6. यह एक ही प्रकार की भिन्‍न गुणों वाली वस्‍तुओं, जैसे तीन प्रकार के कूलर-कूलर-ए, कूलर-बी, कूलर-सी का भी तुलनात्‍मक विवरण प्रस्‍तुत करता है। 

7. यह उत्‍पादन में वृद्धि के परिणामस्‍वरूप होने वाली लागतों में परिवर्तनों को स्‍पष्‍ट करता है। 

8. यह उत्‍पादन पर होने वाले लाभ अथवा हानि का भी विश्‍लेषण करता है। 

लागत पत्र के लाभ (lagat patra ke labha)

लागत पत्र के लाभ निम्नलिखित हैं--

1. विक्रय मूल्‍य का निर्धारण 

लागत पत्र की सहायता से उचित विक्रय मूल्‍य निर्धारित किया जा सकता है। 

2. निविदा मूल्‍य

इसके आधार पर निविदा मूल्‍य विश्‍वसनीय ढंग से निर्धारित किया जा सकता है। 

3. प्रबन्‍धकों को लाभ

इससे प्रबन्‍धकों को बड़ी सहायता मिलती है क्‍योंकि वे व्‍यय पर नियंत्रण रख सकते है। एक अवधि के व्‍ययों की तुलना दूसरी अवधि के व्‍ययों से कर सकते है। जिससे परिवर्तनों के कारणों की जानकारी मिलती है। 

4. लागत का निर्धारण 

लागत पत्र से किसी निश्चित अवधि के उत्‍पादन की कुल लागत एवं प्रति इकाई लागत ज्ञात की जा सकती है। 

5. अन्‍य लाभ

(अ) इसके कारण विभिन्‍न वर्षो की तुलनात्‍मक लागतों का अध्‍ययन करने में सुविधा होती है। 

(ब) इससे कुल लागत के प्रत्‍येक अंग की जानकारी होती है।

4 टिप्‍पणियां:
Write comment
  1. बेनामी26/12/22, 7:58 pm

    Thank you, your article is helpful for me.

    जवाब देंहटाएं
  2. बेनामी6/2/23, 10:01 pm

    लागत से क्या आशय है। लागत पत्र में दिखाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के लागतो का उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये। काल्पनिक अंको के आधार पर एक खिलौना निर्माण उद्योग की प्रति इकाई लागत दर्शाते हुए लागत पत्र तैयार कीजिए। आपको आगे यह भी ज्ञात करना है कि लाभ को दुगुना करने के लिए औसत मूल्य को किस प्रतिशत से बढ़ाना होगा।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेनामी6/2/23, 10:04 pm

    लागत से क्या आशय है। लागत पत्र में दिखाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के लागतो का उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये।

    जवाब देंहटाएं

आपके के सुझाव, सवाल, और शिकायत पर अमल करने के लिए हम आपके लिए हमेशा तत्पर है। कृपया नीचे comment कर हमें बिना किसी संकोच के अपने विचार बताए हम शीघ्र ही जबाव देंगे।