2/08/2022

राजनीति विज्ञान के अध्ययन का महत्व/उपयोगिता

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 प्रश्न; राजनीति विज्ञान के अध्ययन से क्या लाभ हैं? स्पष्ट कीजिए। 

अथवा" राजनीति विज्ञान का महत्व बताइए। 

अथवा' राजनीति विज्ञान के अध्ययन के महत्व का वर्णन कीजिए। 

उत्तर-- 

राजनीति विज्ञान के अध्ययन का महत्व 

rajniti vigyan ke adhyayan ka mahatva;आज का युग समाजिकता एवं भौतिकवादी युग हैं, इस युग में राज्य का महत्व तथा कार्यक्षेत्र बहुत बढ़ गया है। आज राज्य मनुष्य के जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित करता हैं। प्राचीनकाल में राज्य तथा राजनीति को केवल राजा-महाराजा और राजपुरूषों के लिए जानना जरूरी था, पर आज लोकतंत्र, समाजवाद तथा लोक-कल्याणकारी राज्य का युग हैं। इस युग में व्यक्ति राज्य और राजनीति से सम्बद्ध हैं, अतः हर व्यक्ति हेतु राजनीति विज्ञान का अध्ययन जरूरी हैं। राजनीति विज्ञान का अध्ययन करे बगैर व्यक्ति अपने आसपास के परिवेश को नहीं समझ सकता। आजकल राजनीति मानव-जीवन के प्रत्येक पहलू पर छायी हुई हैं। हमारे जीवन का कोई भाग राजनीति के प्रभाव से अछूता नहीं रहा हैं। आधुनिक राज्य 'पालने' से लेकर 'मरघट' तक मनुष्य के जीवन को नियमित और नियंत्रित करता है तथा राजनीतिशास्त्र ऐसे ही अध्ययन का विज्ञान हैं। संक्षेप में राजनीति विज्ञान के अध्ययन का महत्व निम्नलिखित हैं-- 

1. मानव-अधिकारों तथा कर्त्तव्यों का ज्ञान

राजनीति विज्ञान व्यक्ति को मानव-अधिकारों एवं कर्त्तव्यों का ज्ञान प्रदान कर उसे राज्य या समाज की श्रेष्ठतम इकाई के रूप में जीवन गुजारने के लिए प्रेरित करता हैं। राजनीति विज्ञान नागरिकों में परस्पर अच्छे संबंध स्थापित करके संघर्ष के स्थान पर सहयोग के सिद्धांतों को प्रतिष्ठित करने के लिए प्रयासरत हैं। इस रूप में राजनीति विज्ञान का अध्ययन नागरिक एवं समाज (राज्य) दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

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2. शासन कला में निपुणता

राजनीति विज्ञान उसे संविधान तथा राजनीतिक क्रिया-कलापों का ज्ञान देता है। यह व्यक्ति को शासन तथा राजनीति में भाग लेने योग्य बनाता हैं। यदि किसी देश के नागरिक शासन-कला नीतियों को नहीं जानते तो वह देश सफलतापूर्वक नहीं चल सकता। 

3. राष्ट्रीय एवं संवैधानिक इतिहास के अध्ययन में सहायक 

राजनीति विज्ञान के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्रीय तथा संवैधानिक इतिहास का भी अध्ययन किया जाता हैं। इस प्रकार के अध्ययन के आधार पर राजनीति विज्ञान का विद्यार्थी अपने देश के गौरवशाली अतीत तथा उससे प्राप्त सफलताओं/असफलताओं का ज्ञान प्राप्त कर सकता है। 

4. श्रेष्ठ नागरिक बनना 

राजनीति का ज्ञान एक व्यक्ति को आदर्श नागरिक बनाता है। यह उसे सामाजिक जीवन हेतु प्रशिक्षित करता है। इसके अध्ययन से श्रेष्ठ नागरिकता की शिक्षा मिलती हैं। 

5. चेतना की उत्पत्ति  

राजनीति विज्ञान के अध्ययन से मनुष्य अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होता है। हम जिस समाज में रहते हैं उस समाज मे रहकर भी हम तब तक कोई उन्नति नहीं कर सकते जब तक कि हममें चेतना न हो। राज्य की गतिविधियों का अध्ययन करने हेतु राज्य एवं राजनीतिक समाज का सूक्ष्म अध्ययन जरूरी हैं। इस प्रकार का सूक्ष्म अध्ययन प्राचीनकाल में नही होता था, आधुनिक काल में इसका अध्ययन होता हैं। 

6. अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का ज्ञान तथा उपचार 

विज्ञान की तीव्र प्रगति तथा इसके संचार के नये-नये माध्यमों के अविष्कारों के फलस्वरूप विश्व के विभिन्न देश एक-दूसरे के बहुत निकट आ गए हैं। ऐसे में विभिन्न राज्यों के पारस्परिक संबंधों तथा समस्याओं का अध्ययन महत्वपूर्ण हो गया है। साम्राज्यवाद, पूँजीवाद, साम्यवाद, नि:शस्त्रीकरण तथा विश्वशांति जैसी विचारधाराएँ तथा संयुक्त राष्ट्र जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की जानकारी अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध तथा प्रबन्ध के अंतर्गत आती है, जो कि राजनीति विज्ञान का ही एक महत्वपूर्ण भाग हैं। इस प्रकार की जानकारी के आधार पर ही कोई व्यक्ति विदेश नीति तथा उससे जुड़ी अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का अध्ययन कर सकता हैं। 

7. राज्य एवं सरकार का ज्ञान

राजनीति विज्ञान के अध्ययन के माध्यम से ही किसी राज्य के उद्देश्य, संगठन, उसके कार्यक्षेत्र तथा शासन के प्रकार व व्यवस्था के संबंध में प्रचलित भिन्न-भिन्न विचारधाराओं तथा उनके गुण-दोषों की जानकारी का पता चलता हैं। इसी जानकारी या ज्ञान के आधार पर हम अपने देश की राजनीतिक व्यवस्था का ऐसा प्रबुद्ध तथा जागरूक आलोचक बन सकते हैं कि राज्य का उचित दिशा में मार्गदर्शन कर सकें। 

उपरोक्त तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि राजनीति विज्ञान का अध्ययन सदैव से ही महत्वपूर्ण रहा हैं और रहेगा। वर्तमान परिवेश में जनकल्याणकारी राज्य की अवधारणा, प्रजान्त्रात्मक शासन व्यवस्था तथा बढ़ते वैश्वीकरण या भू-मण्डलीकरण की प्रक्रिया ने इस अध्ययन को और भी अधिक महत्वपूर्ण तथा एक तरह से अनिवार्य ही बना दिया हैं। इस संबंध में राबर्ट ए. हडल का कथन उचित ही हैं कि," राजनीति आज मानवीय अस्तित्व का अपरिहार्य तत्व बन गयी हैं।" प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में, किसी न किसी समय, किसी न किसी प्रकार की राजनीतिक व्यवस्था से सम्बद्ध हैं।"

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