4/12/2021

अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का अर्थ, परिभाषा, महत्व

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अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का अर्थ (antarrashtriya arthashastra kya hai)

antarrashtriya arthashastra arth paribhasha mahatva;'अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र' सामान्य अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसका संबंध राष्ट्रीय सीमाओं के बाहर होने वाले समस्त आर्थिक व्यवहारों से होता है। इसके अंतर्गत दो राष्ट्रो के बीच होने वाले आर्थिक व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र प्रधान रूप से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित होता है जिसके अंतर्गत विभिन्न विभिन्न राष्ट्रो के मध्य पाये जाने वाले आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधो तथा उनसे उत्पन्न होने वाली समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र की परिभाषा (antarrashtriya arthashastra ki paribhasha)

प्रो. वासरमेन एवं हटमेन के अनुसार," अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का संबंध वस्तुओं सेवाओं, उपहारों, पूंजी एवं बहुमूल्य धातुओं के विनिमय से है जिसमे इन मदों का स्वामित्व एक देश के निवासियों के पास से दूसरे देश के निवासियों के पास हस्तांतरित हो जाता है। यह यह उन कानूनों, संस्थाओं एवं व्यवहारों का वर्णन तथा विश्लेषण करता है जिसके अंतर्गत व्यापार किया जाता है।

प्रो. हैरड के अनुसार," अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का संबंध उन सभी आर्थिक सौदों से होता है जो देश की सीमा से बाहर किये जाते है।" 

प्रो. एल्सवर्थ के शब्दों मे," जिस प्रकार अर्थशास्त्र वह है जो अर्थशास्त्री करते है उसी तरह अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का संबंध भी विभिन्न देशों के मध्य आर्थिक संबंधों से होता है।"

 उपरोक्त परिभाषाओं से यह स्पष्ट होता है कि अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र, सामान्य अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसके अंतर्गत विभिन्न देशों के बीच व्यापार से उत्पन्न होने वाले आर्थिक संबंधों एवं उनसे संबंधित आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। कोई देश अपने नागरिकों की समस्त आवश्यकताओं को अपने उत्पादन से पूरा नही कर सकता, अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये उसे अन्य राष्ट्रों पर निर्भर रहना पड़ता है। यही "निर्भरता" आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये उसे अन्य राष्ट्रों पर निर्भर रहना पड़ता है। यही 'निर्भरता' अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वस्तुओं तथा साधनों (श्रम तथा पूंजी) के आदान-प्रदान को जन्म देती है। वस्तुओं तथा सेवाओं का अंतर्राष्ट्रीय विनिमय ही अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र की विषय-समाग्री है।

अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का महत्व (antarrashtriya arthashastra ka mahatva)

अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के अध्ययन के महत्व को जानने के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को जानना जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से दोनों पक्ष लाभान्वित होते है। विशिष्टीकरण से सभी लाभों को प्राप्त किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के अध्ययन से अल्पविकसित राष्ट्रो की समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। विकसित देशों द्वारा अल्पविकसित देशों को पूंजी तथा तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराकर आर्थिक विकास की दर मे वृद्धि की जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का अध्ययन हमे यह भी ज्ञान कराता है कि विश्व के देशों की विभिन्न समस्याएं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से हल की जा सकती है। इसी बात को ध्यान मे रखकर ही विश्व के विभिन्न देशों ने मिलकर अनेक अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का निर्माण किया है। प्रो. मायर के अनुसार," अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ने विश्व के अनेक राष्ट्रो के विकास को तीव्र गति से आगे बढ़ाने मे सहायता की है। 

किसी भी राष्ट्र का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के बिना विकास होना बहुत मुश्किल है। वे राष्ट्र आज सबसे अधिक विकसित माने जाते है जिनके बीच अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हुआ जिससे उन्हे अधिक तीव्र गति से विकास करने का अवसर प्राप्त हुआ। उदाहरणार्थ, इंग्लैंड का आर्थिक विकास सूती तथा ऊनी वस्त्रों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के फलस्वरूप ही हुआ है। इसी प्रकार स्वीडन ने लड़की का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार किया। जापान ने रेशम के व्यापार द्वारा, कनाड़ा ने गेहूं के व्यापार द्वारा, डेनमार्क ने डेयरी के व्यापार द्वारा, स्विट्जरलैंड ने घड़ी के निर्यात द्वारा, भारत ने चाय तथा जूट के निर्यात द्वारा अपना आर्थिक विकास किया। वर्तमान के समय मे भी विश्व के सभी देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार द्वारा लाभ प्राप्त कर रहे है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से विनिमय करने वाले दोनों पक्षों को लाभ होता है। 

अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के अध्ययन से अल्पविकसित देशों की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। इतिहास से ऐसे प्रमाण मिलते है कि विश्व के विकसित देशों के आर्थिक विकास मे विदेशी पूंजी तथा श्रम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अल्पविकसित राष्ट्रो को आवश्यक मात्रा मे विदेशी पूंजी एवं तकनीकी ज्ञान एवं तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराकर उनके आर्थिक विकास की दर बढ़ाई जा सकती है।

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