2/11/2021

राष्ट्रीय आय का अर्थ, परिभाषा, महत्व

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राष्‍ट्रीय आय का अर्थ (rashtriya aay kya hai)

rashtriya aay arth paribhasha mahatva;राष्ट्रीय आय का अर्थ सामान्‍य रूप से एक देश में ए‍क वर्ष के भीतर उत्‍पादित की गई वस्‍तुओं एवं सेवाओं के मुल्‍यों के योग से लगाया जाता है। किसी भी देश की राष्‍ट्रीय आय उसकी आर्थिक स्थिति का सबसे महत्‍वपूर्ण सूचक है। राष्‍ट्रीय आय एक महत्‍वपूर्ण आर्थिक शब्‍दावली है आय उत्‍पदान रोजगार आदि के क्षेत्रों से राष्‍ट्रीय आय का विशेष संबंध है। राष्‍ट्रीय आय के लिए राष्‍ट्रीय लांभाश एवं राष्‍ट्रीय उत्‍पाद शब्‍दों का प्रयोग किया जाता है। 

सरल शब्‍दों में," किसी देश में एक वर्ष में जिन वस्‍तुओं एवं सेवाओं का उत्‍पादन किया जाता है उनका कुल मूल्‍य ही उस देश की राष्‍ट्रीय आय है। एक देश में एक वर्ष की अवधि में सभी वस्‍तुओं और सेवाओं को जो विशुद्ध उत्‍पादन होता है उसके मौद्रिक मूल्‍य को राष्‍ट्रीय आय या राष्‍ट्रीय लाभांश कहा जाता है इसमें विदेशों से प्राप्‍त आय भी सम्मिलित होती है।

राष्‍ट्रीय आय की परिभाषा (rashtriya aay ki paribhasha)

मार्शल के शब्‍दों,” एक देश का श्रम एवं पूँजी उसके प्राकृतिक संसाधनों पर क्रियाशील होकर प्रतिवर्ष भौतिक अभौतिक वस्‍तुओं के शूद्ध योग का उत्‍पादन करता है जिसमें सभी प्रकार की सेवायें भी शामिल होती है।“ 

पीगू के शब्‍दों में,” राष्‍ट्रीय किसी समुदाय की वस्‍तुनिष्‍ट आय जिसमें विदेशों से प्राप्‍त आय भी सम्मिलित होती है का भाग है जिसे मुद्रा के द्वारा मापा जा सकता है।“

फिसर के अनुसार,” राष्‍ट्रीय लाभांश अथवा आय में केवल अन्तिम उपभोक्‍ताओं के द्वारा अपने भौतिक अथवा मानवीय वातावरण से प्राप्‍त सेवाएओं को सम्मिलित  किया जाता है।,”  साइमन कुजनेटस के अनुसार,” राष्‍ट्रीय आय की उत्‍पदान व्‍यवस्‍था में एक वर्ष के भीतर प्राप्‍त होने वाली वस्‍तुओं और सेवाओं का वह विशुद्ध उत्‍पादन है जो अन्तिम उपभोक्‍ताओं को प्राप्‍त होता है अथवा देश की पूँजी व स्‍टॉक में वृद्धि करता है।”

प्रो. कालिन क्‍लार्क के अनुसार,” किसी विशेष समय अवधि में राष्‍ट्रीय आय को उन वस्‍तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक आय मूल्‍य में  व्‍यक्‍त करते है जो उस अवधि में उपयोग के लिए उपलब्‍ध रहती है। वस्‍तुओं और सेवाओं का मूल्‍य उनकी प्रचालित विक्रय कीमतों पर निकाला जाता है।“

राष्‍ट्रीय आय का महत्‍व (rashtriya aay ka mahatva)

राष्‍ट्रीय आय का महत्‍व इस प्रकार है--

1. अर्थव्‍यवस्‍था में विभिन्‍न उत्‍पादन कार्यों के तुलनात्‍मक महत्‍व का ज्ञान

राष्‍ट्रीय आय के विश्‍लेषण से अर्थव्‍यवस्‍था में विभिन्‍न उत्‍पादन कार्यों जैसे उद्योंग, कृषि यातायात इत्‍यादि के तुलनात्‍मक महत्‍व की जानकारी होती है।

2. आर्थिक शक्ति  तथा आय के वितरण का अध्‍ययन 

राष्‍ट्रीय आय का विश्‍लेषण से यह ज्ञात किया जाता है। देश में आर्थिक शक्ति  तथा आय का वितरण किस प्रकार हो रहा है। 

3.आय-व्‍यय और बचत का अनुमान 

इसके द्वारा  आय व्‍यय और बचत का अनुमान लगाया जा सकता है और उनमें उचित अनुपात रखने की दिशा में प्रयास किये जा सकते है।

4. अर्थव्‍यवस्‍था के दोषों को दूर करने में सहायता 

राष्‍ट्रीय आय के आंकड़े इस बात की जानकरी देते है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था में कोन से दोष विद्यमान  है जिनके कारण आर्थिक विकास  नही हो पा रहा है इस ज्ञान के आधार पर इन दोषों को दूर करने के उपाय किये जा सकते है।

5. आर्थिक प्रगति का मापदण्‍ड

राष्‍ट्रीय आय का विश्‍लेषण देश की प्रगति का महत्‍वपूर्ण मापदण्‍ड होता है यदि देश के प्रति व्‍यक्ति आय राष्‍ट्रीय आय/ जनसंख्‍या में वृद्धि हो रही है तो यह समझा जाएगा की देश में आर्थिक प्रगति हो रही है।

6. आर्थिक नियोजन में विशेष महत्‍व 

आर्थिक नियोजन के निर्माण   क्रियान्‍वन तथा सफलता के मुल्‍याकंन की दृष्टि से राष्‍ट्रीय आय का विश्‍लेषण आवश्‍यक है। आर्थिक  नियोजन का मुख्‍य उद्धेश्‍य राष्‍ट्रीय में वृद्धि करना ही होता है।

7. अन्‍य देशों के साथ तुलनात्‍मक अध्‍ययन 

राष्‍ट्रीय आय विश्‍लेषण के आधार पर अन्‍य देशों के साथ प्रगति-स्‍तर का तुलनात्‍मक अध्‍ययन किया जा सकता है। 

8. अर्थव्‍यवस्‍था की संरचना  की जानकारी 

राष्‍ट्रीय आय की गणना से यह जानकरी भी प्राप्‍त होती है कि अर्थव्‍यवस्‍था  की संरचना में कृषि क्षेत्र,उ़द्योग क्षेत्र  तथा सेवा का योगदान कितना-कितना है।

9.आर्थिक अवरोधों की जानकारी 

राष्‍ट्रीय आय की गणना से ज्ञात  होता है कि देश की राष्‍ट्रीय आय में कमी के लिए कौन-कौन से तत्‍व उत्‍तरदायी है। सरकार इन अवरोधक तत्‍वों की जानकारी प्राप्‍त करके उन्‍हें हटा सकती है। इस प्रकार देश की सरकार आर्थिक  विकास की गति में तेजी ला सकती है।

10. पूर्वानुमान 

देश के भावी विकास की योजनाओं  के निर्माण में पूर्वानुमानों का विशेष महत्‍व है। सरकार द्वारा लगायें ये पूर्वानुमान राष्‍ट्रीय आय की गणना पर ही आधारित होते है।

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