2/15/2021

कोष प्रवाह विवरण क्या है? उद्देश्य, महत्व, सीमाएं

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कोष प्रवाह का अर्थ (kosh pravah vivran kya hai)

kosh pravah vivran arth paribhasha udeshaya mahatva simaye;व्यवसाय मे कोषों का आवागमन कोष प्रवाह कहलाता है। चूंकि कोष का अर्थ कार्यशील पूंजी से होता है अतः इस आधार पर कार्यशील पूंजी मे परिवर्तनों को कोष प्रवाह कहा जाता है। कार्यशील पूंजी मे परिवर्तन तभी होगा जब एक ओर चालू संपत्ति अथवा चालू दायित्व से संबंधित लेखा प्रभावित हो तथा दूसरी ओर गैर-चालू संपत्ति अथवा गैर-चालू दायित्व से संबंधित लेखा प्रभावित हो। यदि दोनों लेखे चालू संपत्ति अथवा चालू दायित्व से संबंधित हो तो कार्यशील पूंजी मे कोई परिवर्तन नही होगा। इसके विपरीत यदि दोनों लेखें गैर-चालू संपत्ति या गैर-चालू दायित्वों से संबंधित होने पर भी कोष प्रवाह नही होगा। 

कोष प्रवाह विवरण की परिभाषा (kosh pravah vivran ki paribhasha)

आर.एन.एन्थोनी के अनुसार," कोष प्रवाह विवरण इस बात की विवेचना करता है कि किन साधनों से अतिरिक्त धन प्राप्त हुआ और उसे किन मदों पर व्यय किया गया?"

स्मिथ व ब्राउन के के अनुसार," कोष प्रवाह विवरण सारांश के रूप मे तैयार किया गया एक विवरण है, जो दो विभिन्न तथियों पर बनाये गये चिट्ठों के समयान्तर मे वित्तीय दशाओं मे परिवर्तन का ज्ञान करता है।" 

फाउल्के के शब्दों मे," फण्ड की प्राप्ति व प्रयोगों का विवरण तांत्रिक साधन है, जो दो तिथियों के बीच किसी व्यवसाय की वित्तीय दशा मे हुए परिवर्तनों का विश्लेषण करने के लिए तैयार किया जाता है।" 

कोष (निधि) प्रवाह विवरण के उद्देश्य (kosh pravah vivran ke uddeshya)

कोष प्रवाह विवरण का मुख्य उद्देश्य यह स्पष्ट करना होता है कि किसी निश्चित अवधि मे निधि का सृजन किस तरह हुआ तथा उसका उपयोग कहाँ किया गया। 

हावर्ड तथा आप्टन के अनुसार," फण्ड बहाव विवरण के अध्ययन का मूल उद्देश्य व्यवसाय के लिए आवश्यक संपत्तियों की वित्त व्यवस्था के संबंध मे वित्तीय प्रबंध का भूतकालिक चित्र उपलब्ध कराना है।" 

पेरी मेस्सन के अनुसार," इस विवरण से निम्न प्रश्नों के उत्तर वित्तीय प्रबंधक को सरलतापूर्वक ज्ञात हो जाते है--

1. लाभ की राशि का प्रयोग कहाँ किया गया है? 

2. शुद्ध लाभ अधिक होने पर भी शुद्ध संपत्ति कम क्यों है? या इसके विपरीत स्थिति क्यों है? 

7. लाभांश और अधिक क्यों नही रहें? 

8. निश्चित अवधि मे शुद्ध हानि होने पर या लाभ कम होने पर भी अधिक लाभांश कैसे बाँटा गया? 

9. प्लाण्ट व मशीन का विस्तार किस प्रकार किया गया? 

10. प्लाण्ट आदि के विक्रय से प्राप्त राशि का प्रयोग कैसे हुआ? 

11. अंशो व ऋणपत्रों के निर्गणन से प्राप्त राशि का क्या उपयोग किया गया? 

12. ऋणपत्रों का शोधन कैसे हुआ? 

13. नवीन प्लाण्ट व मशीन का क्रय करने के लिये उधार क्यों लिया गया?

14. कार्यशील पूंजी मे वृद्धि की व्यवस्था किन साधनों से की गई?

कोष (निधि) प्रवाह विवरण का महत्व (kosh pravah vivran ka mahatva)

कोष बहाव प्रबंधकों, अंशधारियों, बैंक एवं वित्तीय संस्थाओं तथा ऋणदाताओं के लिए बहुत उपयोगी है। कोष प्रवाह विवरण का महत्व इस प्रकार है--

1. परिवर्तनों का ज्ञान 

कोष प्रवाह विवरण से एक निश्चित अवधि के मध्य हुए व्यावसायिक परिवर्तनों का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। 

2. अधिक सूचनाएं 

कई मामलों मे कोष प्रवाह विवरण स्थिति विवरण से भी अधिक सूचनाएं प्रदान करता है। यदि कोष प्रवाह विवरण आधुनिक ढंग से तथा पूर्ण रूप से तैयार किया जाये तो इससे आय विवरण का तुलनात्मक अध्ययन अधिक अच्छी प्रकार किया जा सकता है।

3. पथ प्रदर्शक 

जो व्यक्ति पुस्तपालन तथा लेखाकर्म की जानकारी नही रखते उन व्यक्तियों के लिए कोष प्रवाह विवरण पथ प्रदर्शक का काम करता है।

4. क्रीयाशील पूंजी का अनुमान 

विनियोगी तथा बैंकर्स निधि विनियोग विवरण के माध्यम से शुद्ध क्रियाशील पूंजी की कमी या वृद्धि का अनुमान लगा सकते है। 

5. पूंजी नियंत्रण 

यह विवरण प्रबंधकों को भूतकालीन अनुभवों के आधार पर क्रियाशील पूंजी के नियंत्रण मे सहायता पहुँचाता है। यह विवरण यह बताता है कि लाभ की मात्रा मे वृद्धि के बावजूद भी रोक के आधिक्य मे कमी क्यों आई या लाभांशों को अधिक क्यों नही बाँटा जा सका, आदि।

6. वित्तीय सुदृढ़ता का ज्ञान 

कोष प्रवाह विवरण के द्वारा प्रबंधकों को यह पता चल जाता है कि अर्जन का किस प्रकार उपयोग किया जाता है, कितना लाभांश बांटा गया है या कितनी संपत्तियों बढ़ाई गई है या कितने ऋणों का भुगतान किया गया है, इत्यादि। इस प्रकार संपत्तियों की आवश्यकता का अनुमान लगाया जा सकता है, साथ ही साथ व्यवसाय की वित्तीय सुदृढ़ता का अनुमान लगाने मे सुविधा होती है। 

7. वित्तीय प्रभावों का अध्ययन 

इस विवरण से व्यवसाय संचालन के विभिन्न वित्तीय प्रभावों का अध्ययन किया जा सकता है। एक व्यवसाय लगातार अच्छा लाभ कमा सकता है, लेकिन यदि वह निधि का उचित उपयोग नही करता तो उसकी तरल स्थिति दिन-प्रतिदिन संदिग्ध एवं चिन्ताजनक हो सकती है। निधि प्रवाह विवरण से निधि को अधिकतम लाभप्रद कार्यों मे लगाया जा सकता है तथा उसका दुरुपयोग रोका जा सकता है। 

8. ऋण प्राप्ति मे सहायक 

वर्तमान समय मे विभिन्न वित्तीय संस्थाएं ऋण देने के पूर्व ऋण मांगने वाले की व्यावसायिक स्थिति का गहन अध्ययन करना उचित समझती है, उनसे उनकी वित्तीय तथा तरल स्थिति के बारे मे तरह-तरह की जानकारी मांगती है। कोष प्रवाह विवरण से ऋणदाता संस्था के प्रत्येक प्रश्न का संतोषजनक उत्तर दिया जा सकता है एवं उन्हें संतुष्ट किया जा सकता है। इस प्रकार निधि प्रवाह विवरण ऋण प्राप्त करने से भी सहायता प्रदान करता है। आजकल तो अनेक बैंक ऋण देने के पूर्व आवश्यक रूप से कोष प्रवाह विवरण की मांग करने लगे है।

9. लाभांश नीति मे सहायता 

सुदृढ़ लाभांश नीति के निर्धारण तथा समय-समय पर उसमे उचित परिवर्तन लाने के संबंध मे भी यह विवरण सहायक हो सकता है।

10. कोषों का सर्वोत्तम उपयोग 

कोष प्रवाह विवरण से वित्तीय स्त्रोतों के उपयोग की जानकारी मिलती है जिनके आधार पर व्यवसायी अपने उत्पादन की प्राथमिकता निर्धारित कर सकता है, विस्तार एवं विकास की योजना बना सकता है तथा निधि का सर्वोत्तम प्रयोग कर सकता है। 

इन उपरोक्त बातों से यह स्पष्ट होता है कि कोष प्रवाह विवरण चिट्ठें की तुलना मे अधिक महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान करता है। इसका लाभ-हानि खाते से तुलनात्मक अध्ययन अच्छी प्रकार से किया जा सकता है। इसलिए अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक एकाउन्टेन्स के अनुसार," वार्षिक प्रतिवेदन मे भली-भांति अभिकालीन तुलनात्मक कोष प्रवाह विवरण सम्मिलित किया जाना एक सामान्य स्वीकृति प्रथा को जाना चाहिए।

कोष प्रवाह विवरण की सीमाएं (kosh pravah vivran ki simaye)

कोष प्रवाह विवरण की सीमाएं इस प्रकार है--

1. कोष प्रवाह विवरण से भूतकालीन जानकारी मिल सकती है, पर भविष्य मे क्या होगा इसकी जानकारी नही मिल सकती है।

2. इस विवरण से व्यवसाय की वित्तीय स्थिति या परिवर्तन की मौलिक जानकारी प्राप्त नही होती।

3. यह विवरण निधि के प्रवाह के विवरण को ही प्रस्तुत करता है, रोकड़ स्थिति के परिवर्तन को प्रस्तुत करने मे यह असमर्थ है।

4. यह विवरण कार्यशील पूंजी की कुल राशि मे परिवर्तन का ही विश्लेषण करता है। यह कार्यशील पूंजी के विभिन्न मदों मे परिवर्तन का विश्लेषण नही करता।

शायद यह जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी सिद्ध होंगी

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