1/06/2021

लिखित संप्रेषण क्या है? लाभ, दोष

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लिखित संप्रेषण क्या है?

likhit sampreshan kise kahte hai, labha, dosh;लिखित संप्रेषण से आश्य ऐसी सूचनाओं से है जो लिखित रूप मे दी जाती है। व्यावसायिक जगत मे लिखित संप्रेषण की तकनीक का ही सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है। लिखित संप्रेषण मे पत्र-व्यवहार, स्मरण-पत्र, प्रतिवेदन, कार्यवाही विवरण, कार्यक्रम प्रपत्र, बुलेटिन, पत्र-पत्रिकायें, राजकीय प्रकाशन, संगठन पुस्तिकायें, संगठन अनुसूचियां एवं परियोजनाओं को सम्मिलित किया जाता है। जब सूचनाओं एवं विचारों के संप्रेषण मे उपरोक्त तकनीकों का प्रयोग किया जाता है तो उसे लिखित संप्रेषण की संज्ञा दी जाती है।

लिखित संप्रेषण के लाभ या गुण (likhit sampreshan ke labha)

लिखित संप्रेषण के लाभ इस प्रकार है-- 

1. प्रत्यक्ष संपर्क की जरूरत नही 

इसके लिए पक्षों के बीच संपर्क जरूरी नही है। प्रेषक द्वारा लिखित संदेश भेजते समय प्रेषितव्य व्यक्ति को उसके सामने उपस्थित होने की आवश्यकता नही है।

2. कम खर्चीला 

यदि संदेश भेजने वाले तथा संदेश का प्रापक भिन्न-भिन्न नगरों मे रहते हों और संदेश लिखित रूप मे डाक द्वारा भिजवाया जाए तो साधारण व्यय से ही यह कार्य संपन्न हो जाएगा। 

3. स्पष्टता 

जो संदेश लिपिबद्ध कर लिया जाता है, उसमे स्पष्टता आ जाती है, जिससे संदेश मे ज्यादा प्रभावोत्पादकता उत्पन्न हो जाती है। लिखी बात के अनेकार्थ लगाने की संभावना कम रहती है।

4. लिखित प्रमाण 

लिखित संदेश भविष्य मे विवाद पैदा हो जाने पर साक्ष्य के रूप मे प्रस्तुत किया जा सकता है। संदेश के लिखित होने पर कोई भी पक्ष इसके उत्तरदायित्व से विमुख नही हो सकता।

लिखित संप्रेषण की हानियां या दोष (likhit sampreshan ke dosh)

लिखित संप्रेषण के दोष इस प्रकार है--

1. श्रम समय तथा धन का व्यय 

अगर संदेश छोटा हो तथा प्रत्यक्ष रूप से दूसरे पक्ष को प्रेषित किया जा सकता हो तो ऐसे संदेश को लिखकर भेजे जाने मे श्रम, समय तथा धन का अपव्यय ही होगा, अतः हर दशा मे लिखित संदेशवाहन उपयुक्त है। इसके अतिरिक्त अगर किसी संदेश मे भूल से कोई बात उल्लेख करने से रह जाए तो फिर एक छोटी-सी बात को सूचित करने के लिए संदेश लेखन तथा संप्रेषण की पूरी प्रक्रिया की पुनरावृत्ति करनी पड़ेगी। इससे संदेश के संप्रेषण मे अनुचित विलंब हो जाएगा।

2. गोपनीयता का भंग होना 

मौखिक संदेशवाहन द्वारा प्रेषित समाचार की जानकारी केवल सूचक एवं सूचित व्यक्ति इन दो पक्षों को ही रहती है, पर एक वृहतस्तरीय व्यावसायिक संदेश पहुँचता है। साथ ही, प्राप्तकर्ता के कार्यालय मे भी यह पत्र अनेक व्यक्तियों के हाथ मे पड़ता है। इससे संदेश की गोपनीयता खत्म हो जाती है। हां, लिफाफे पर, व्यक्तिगत एवं गोपनीय शब्द लिखकर एवं संदेश को गोपनीय बनाए रखने की विशेष व्यवस्था कर इस दोष को दूर किया जा सकता है।

3. संदेश प्रेषण (भेजने) मे अनावश्यक विलंब

जब संदेश लिखित रूप मे प्रेषित किया जाना हो तो इसका आलेख तैयार करने, टाइप करने, अधिकारी के हस्ताक्षर करने तथा प्रेषण करने मे अत्यधिक विलंब लग जाता है। व्यवसाय मे दीर्घसूत्रता के कारण आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है। इसके विपरीत मौखिक संदेश तुरंत अविलंब प्रेषित किया जा सकता है।

शायद यह आपके लिए काफी उपयोगी जानकारी सिद्ध होगी

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