3/29/2022

युवा तनाव/असंतोष का अर्थ, कारण, परिणाम

By:   Last Updated: in: ,

युवा तनाव या युवा असंतोष का अर्थ 

yuva tanav ka arth, karan, parinam;युवा तनाव से मोटे तौर पर आश्य युवा या युवाओं मे पाये जाने तनाव से है। चुँकि समाज मे सभी न तो युवा होते है और न ही सभी तनावग्रस्त होते है और जो होते भी है उनमे जरूरी नही कि सभी समानरूप से तनावग्रस्त हो। हाँ यह जरूर कहा जा सकता है कि बच्चों और वृद्धों की तुलना मे युवाओं और प्रौढ़ों के तनावग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है। 

हर राष्ट्र तथा समाज के विकास मे उसके युवा वर्ग का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आज देश के हजारों लाखों युवकों मे असंतोष या तनाव एवं अक्रोश पाया जाता है, सक्रियता दिखाई पड़ती है। वे आज कई प्रकार के तनावों से ग्रसित है। अगर किसी राष्ट्र का युवा वर्ग अथवा छात्र वर्ग स्वयं ही दिग्भ्रमित और असंतुष्ट हो तो वह अपनी भूमिका को सही प्रकार से नही निभा सकता। भारत मे युवा तनाव या असंतोष अपने सक्रिय तथा विकट स्वरूप मे दिखाई देता है। युवको मे इस व्यापक असंतोष का ही परिणाम है कि आज, स्कूलों, काॅलेजों व विश्वविद्यालयों मे हड़ताल, पथराव, सत्याग्रह, भूख हड़ताल, घेराव, दंगे-फसाद, परीक्षाओं का बहिष्कार, अध्यापकों तथा अधिकारियों के प्रति असम्मान आदि के रूप मे विस्फोट होता है।

युवा असंतोष हेतु अनेक शब्दों का प्रयोग होता है, जैसे युवा तनाव, युवा सक्रियता या विद्यार्थी असंतोष आदि। युवा असंतोष के नाम पर अनुशासनहीनता, नियमहीनता, तोड़फोड़, आगजनी तथा पथराव तक को उचित माना जाता है जो कि एक बहुत ही गलत बात है। इस रूप मे युवा असंतोष एक सामुदायिक समस्या है। इस समस्या का शिकार प्रमुखतः युवा वर्ग एवं छात्र है।

युवा तनाव या असंतोष के कारण (yuva tanav ke karan)

जन्म से कोई युवा तनावग्रस्त नही होता। उसके जीवन मे कुछ ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती है या कुछ ऐसी घटनायें घटती है जिनके चलते वह तनावग्रस्त हो जाता है। तात्पर्य यह है कि युवा तनाव अकारण या आकस्मिक घटना नही है। इसके पीछे कुछ ठोस कारण होते है। युवा तनाव या युवा असंतोष के प्रमुख कारण इस प्रकार है--

1. बेरोजगारी 

युवाओं मे विशेषरूप से शिक्षित युवाओं मे बेरोजगारी तनाव का सबसे बड़ा कारण है। दरअस, पढ़ाई के समय बच्चों के माता-पिता उनसे बहुत अपेक्षा करते है और स्वयं भी वे अपने लिये बड़े-बड़े सपने देखते है। लेकिन जब युवा पढ़ाई करने के बाद रोजगार के लिये दर-दर भटकते है और उन्हें अपने सपने पूरे होते नही दिखते तो बहुत निराशा होते है। यह निराशा उनमे तनाव का कारण बनती है।

2. भ्रष्टाचार 

युवा सामान्यतया आदर्शवादी होते है। किन्तु व्यावहारिक जीवन मे वह देखते है कि सरकारी कार्यालयों से लेकर शिक्षण संस्थानों यहाँ तक कि क्षेत्रीय व प्रादेशिक विश्वविद्यालयों तक मे कोई काम रूटीन मे या सामान्य प्रक्रिया के तहत आसानी से नही होता। काम की बात तो बहुत दूर की बात है यहाँ तक की सामान्य जानकारी पाने के लिये भी उन्हें दफ्तरों के सैकड़ों चक्कर लगाने पड़ते है। ऐसे मे उनकी राष्ट्रवादी बनने और राष्ट्र निर्माण के लिये काम करने सम्बन्धी सपने टूटने लगते है। आर्दश और यथार्थ के बीच इतनी गहरी खाई है इसकी उनके युवा मन ने कभी कल्पना भी नही की हुई होती है। युवाओं का ऐसे कड़वे यथार्थ से समाना होने पर उनके चिन्ताग्रस्त एवं तनावग्रस्त हो जाना कोई अस्वाभाविक घटना नही है। 

3. महँगाई 

वर्तमान मे महँगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती महंगाई के कारण सामान्य लोगो को गुजर बसर करना बड़ा कठिन हो रहा है। महँगाई ने लोगो की कमर तोड़ दी है। युवको के खर्चे आज बहुत बढ़ गये है। अतः इस महँगाई से परेशान होकर युवा वर्ग मे तनाव उत्पन्न हो जाना स्वाभाविक बात है।

4. औद्योगिकरण का प्रभाव 

औद्योगिकरण ने मानव जीवन को सबसे अधिक प्रभावित किया है। लोग जीविका की तलाश मे औद्योगिक संस्थाओं मे कार्य करने के लिये नगरो मे आते है। जिसके फलस्वरूप अनेक समस्याओं का जन्म होता है। जैसे पारिवारिक, विघटन, मकान की समस्या, मनोरंजन की समस्या आदि। बहुत से लोगो को कभी-कभी बेकिरी का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप युवा वर्ग मे अनेक समस्याओं का जन्म होता है और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। औद्योगिकरण से ग्रामीण उद्योग नष्ट हो रहे है, जिससे ग्रामीण लोगो मे तेजी से बेरोजगारी बढ़ रही है।

6. सन्देशवाहन 

युवा तनाव को प्रोत्साहित करने मे संदेशवाहन के साधनो का भी बहुत बड़ा हाथ है। सोसल मीडिया और अन्य सन्देशवाहनों के जरिये किसी भी समस्या के संबंध मे युवा विचार-विमर्श कर लेते है। साथ ही संगठन एवं एकता को कायम कर लेते है। अपनी समस्या को हल करने के लिये वे इनके माध्यम से आवाज उठाते है। इसके अभाव मे यह असंभव नही तो कठिन तो जरूर ही था। इस प्रकार से स्पष्ट है कि संदेशवाहक के साधन भी युवा तनाव के लिये विशेष रूप से उत्तरदायी है।

7. सरकार की उदासीता 

युवा वर्ग के सामने आज अनेक समस्याएं है सरकार की युवाओं के प्रति उदासीनता भी युवा तनाव का एक मुख्य कारण है। यद्यपि सरकार युवाओं की समस्याओं के प्रति जागरूक तो है, लेकिन निराकरण के लिये कोई ठोस कदम नही उठाया गया है। इसके परिणामस्वरूप युवा वर्ग मे निराशा एवं असंतोष का भाव जागृत हो गया है। यही बात युवको मे तनाव पैदा करती है। 

8. परिवारिक नियंत्रण का कम होना 

आज पारिवारिक नियंत्रण दिनों-दिन कम होता जा रहा है। माता-पिता का अब बच्चो पर पहले जैसा नियंत्रण नही रहता। परिवार जो कि सेवा, त्याग, आत्मसंयम, अनुशासन आदि गुणों का केन्द्र होता था आज वह तनाव का केन्द्र बन गया है, जिससे परिवार के द्वारा बच्चों का उचित समाजीकरण नही हो पाता, पारिवारिक संस्कारों मे गिरावट आई है। परिवार के नियंत्रणात्मक प्रभाव मे कमी आई है। परिवार के सही मार्गदर्शन के अभाव मे युवा तनाव की स्थिति बढ़ती रही है।

9. विश्वविद्यालय मे समुचित पढ़ाई न होना 

छात्रों को शिकायत है कि विश्वविद्यालयों मे पढ़ाई ठीक ढंग से नही होती, बेमौसम पढ़ाई की खानापूर्ति की जाती है, और फिर देर से परीक्षा लेकर उन्हें परेशान किया जाता है।

10. व्यावसायिक मनोरंजन 

मनोरंजन के वर्तमान साधनों ने भी एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण किया है जिसमें युवा पीढ़ी अनेक तनावों का अनुभव कर रही है। टेलिविजन और चलचित्रों के आधुनिक कथानक और दृश्यों का प्रस्तुतीकरण युवा पीढ़ी को वास्तविकता से दूर ले जाता हैं। अभावों में पल रही युवा पीढ़ी चलचित्रों के माध्यम से जब वर्ग-संघर्ष, नैतिकता के नये तरीकों, विद्यार्थियों की स्वतंत्रता तथा प्रेम-प्रसंगों को देखती है तो उसका अनुभवहीन भावुक मन इन विशेषताओं को जल्दी ही ग्रहण कर लेता है। यह काल्पनिक महत्वाकांक्षाएं उसमें इतना तनाव भर देती है कि धीरे-धीरे वह अध्ययन से विमुख होकर आंदोलनों और हिंसा की दशा में ही कुछ चेतना और सक्रियता का अनुभव करने लगता हैं। मनोरंजन के व्यापारिक साधनों द्वारा जिन जीवन मूल्यों और व्यवहार के तरीकों का प्रसारण होता हैं, वे व्यावहारिक जीवन से बहुत भिन्न होने के कारण युवा पीढ़ी यह निश्चय नहीं कर पाती कि व्यवहार का कौन-सा ढंग उचित है और कौन-सा अनुचित। अनिश्चितता और भ्रम के इस वातावरण से युवा असंतोष में वृद्धि होती हैं।

11. परम्परागत एवं आधुनिक जीवन शैली व मूल्यों में सामंजस्य का अभाव

परंपरागत जीवन पद्धित, जीवन मूल्या और जीवन शैली जिन भौतिक तकनीकी एवं सामाजिक व आर्थिक दशाओं में विकसित हुई थी वे अब काफी बदल गई हैं। उद्योग व तकनीकी प्रधान आधुनिक भारतीय समाज की आवश्यकतायें एवं अपेक्षायें कृषि प्रधान परंपरात्मक भारतीय समाज की आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं से काफी भिन्न हैं। ऐसे में आज के युवा के सामने एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि वह खानपान, वेशभूषा, रहन-सहन, मेल-मिलाप तथा शादी-ब्याह आदि के मामलों में परंपरागत रीतियाँ तथा सच्चाई ईमानदारी, सादगी, मितव्ययता व परोपकार जैसे परंपरागत मूल्यों को अपनायें या आधुनिक जीवन पद्धित एवं आधुनिक मूल्यों के आधार पर जीवन में आगे बढ़े। अगर वह रहन-सहन, खान-पान, मेल-मिला एवं शादी-विवाह आदि के मामलों मे स्वतंत्र निर्णय लेकर जीवन में आगे बढ़ता है तो उसे घर-परिवार, पड़ोस और सगे-सम्बन्धियों की आलोचना के साथ कभी-कभी बहिष्कार का भी शिकार होना पड़ता हैं। अगर वह अपने तर्क व युक्तिसंगत निर्णय के विरूद्ध परम्परात्मकता की राह पर चलता है तो उसे मानसिक क्लेश होता हैं। ऐसे में परंपरा व आधुनिकता की दुविधा युवा के मन-मस्तिष्क को इतनी उद्वेलित कर देती है कि वह तनावग्रस्तता का शिकार हो जाता हैं। एक तरफ वह अपने परिवार और अपनी परम्परा को छोड़ना नहीं चाहता और दूसरी तरफ वह आधुनिक व आधुनिक जीवन की समसामयिक प्रासंगिकता और मोह जाल से अपने को बचा नहीं पाता।

युवा तनाव या युवा असंतोष के परिणाम 

हमारे वर्तमान समाज मे मात्र असंतोष की घटनाएं प्रतिदिन हमे अनवरत् रूप से समाचार पत्रों मे पढ़ने को मिलती है। यह असंतोष अनेक रूपों मे होता है, जैसे हड़ताल, पथराव, भूख हड़ताल, घेराव, परीक्षाओं का बहिष्कार, सार्वजनिक संपत्ति की तोड़फोड़ आदि सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त करने वाली घटनाएं। युवा तनाव को सामाजिक समस्या के रूप मे मान लेने के पश्चात उसके परिणामों को जानना भी जरूरी। युवा तनाव या असंतोष के परिणाम इस प्रकार है--

1. समाज की कानूनी व्यव्यवस्था भंग होना।

2. युवाओं की आकांक्षाओं का ढांचा लड़खड़ा जाना।

3. व्यक्तिगत समायोजन मे असफलता।

4. सामाजिक मूल्यों का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित होना बंद होना।

5. सामाजिक संस्थाओं का विघटन जिसका प्रभाव अंत मे समाज पर पड़ता है।

6. संपत्ति का नुकसान तथा आर्थिक एवं सामाजिक विकास का अवरुद्ध होना।

7. शिक्षा व्यवस्था का विघटन होना।

पढ़ना न भूलें; युवा तनाव को नियंत्रित करने के उपाय

यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी

2 टिप्‍पणियां:
Write comment

आपके के सुझाव, सवाल, और शिकायत पर अमल करने के लिए हम आपके लिए हमेशा तत्पर है। कृपया नीचे comment कर हमें बिना किसी संकोच के अपने विचार बताए हम शीघ्र ही जबाव देंगे।