5/26/2020

निर्वाचन आयोग क्या हैं? निर्वाचन आयोग के कार्य

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निर्वाचन आयोग क्या हैं? (nirvachan aayog kya hai)

निर्वाचान आयोग संविधान द्वारा गठित एक स्वतं(त्र संस्था है। यह भारत मे स्वतन्त्र और निष्पक्ष निर्वाचनों की व्यवस्था सुनिश्चित करता है। देश की संसद, राज्य विधान मण्डल, राष्ट्रिपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचनों का कार्य निर्वाचन आयोग करता है। भारत के निर्वाचन आयोग का कार्यकाल नई दिल्ली मे है। निर्वाचन आयोग मे एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो या अधिक अन्य सदस्य आयुक्त कहलाते है। तीनों के अधिकार  समान है और किसी प्रश्न पर मतभेद होने पर बहुमत से फैसला लिया जाता हैं। निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं।
निर्वाचन आयोग

निर्वाचन आयोग के कार्य (nirvachan aayog ke karya)

1. निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करना
किसी चुनाव से पहले चुनाव क्षेत्र का निर्धारण या परिसीमन किया जाता हैं। प्रथम साधारण निर्वाचन मे निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का कार्य निर्वाचन आयोग ने किया था। अब चुनाव क्षेत्र निर्धारण का कार्य परिसीमन आयोग करता है। इस आयोग का अध्यक्ष मुख्य निर्वाचन आयुक्त होता हैं।
2. निर्वाचक नामावली तैयार कराना
चुनाव मतदान केंद्र के अनुसार मत देने के योग्य नागरिकों की सूचि तैयार करवाता है इसे निर्वाचक नामावली कहते हैं। नवीन सूची मे 18 वर्ष के नागरिकों के नाम जोड़े जाते है और मृत्यु या अन्य कारण से अन्यत्र स्थानों पर चले जाने वाले नागरिकों के नाम हटाये जाते हैं। निर्वाचक नामावली को मतदाता सूची के नाम से भी जाना जाता हैं।
3. चुनाव चिह्न प्रदान करना
निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न निर्धारित और संरक्षित कर दिये है। नये दलों या किसी दल के विभाजन के बाद बने दल को चुनाव चिह्नों का बँटवारा आयोग करता है। चुनाव चिह्न राजनीतिक दलों के लिये महत्वपूर्ण प्रतीक है। निर्वाचन के समय प्रत्याशी अपने लिए चिह्र के आधार पर वोट मांगते है।
4. राजनीतिक दलों का पंजीयन और मान्यता 
राजनीतिक दलों का पंजीयन करना और गत लोक सभा या विधान सभा चुनावों मे प्राप्त मतों के आधार पर राष्ट्रीय या राज्यीय दल के रूप मे मान्यता प्रदान करना आयोग का कार्य है। निर्वाचन आयोग कानून अनुसार चुनाव हो इस पर भी ध्यान रखता है।
5. चुनाव कराना 
आयोग द्वारा निर्वाचन का कार्यक्रम घोषित किया जाता है। वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी प्रबंध और प्रयास करता है। इस हेतु चुनाव के समय राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों को पालन करने वाले निर्देश जिसे आचार संहिता कहते है को जारी करता है। आयोग को निर्वाचन का निरीक्षण और नियंत्रण का अधिकार है। निर्वाचन आयोग हर सम्भव तरीके से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का प्रयास करता है।
6. सांसदों व विधायकों की अयोग्यता निर्धारण मे राय देना
प्रतिनिधियों की अयोग्यता के विषय मे राष्ट्रपति को राय देना भी आयोग का कार्य है। वर्ष 2006 मे लाभ के पद मामलों मे राष्ट्रपति द्वारा आयोग से राय मांगी गयी थी और उनकी राय पर संसद के कुछ सदस्यों की सदस्यता समाप्त की गई थी।
7. विविध कार्य 
निर्वाचन आयोग चुनाव मे प्रत्याशी के व्यय की सीमा का निर्धारण चुनाव सुधार के उपाय करना, मतदाताओं को प्रशिक्षण आदि कार्य भी करता हैं।
स्त्रोत; समग्र शिक्षा, मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र, भोपाल।
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